खराब हालत में मिली वृद्धा
छत पर बैठी बुजुर्ग की गंभीर हालत देख तहसीलदार ने तत्काल उसे छत से नीचे ले जाकर सुरक्षित स्थान पर बैठाया। इस दौरान तहसीलदार जानकी उइके ने बुजुर्ग से पूछा- अम्मा कुछ तकलीफ है? इस पर वह कुछ नहीं बोली, चुप ही रही।
ये लिखा था खत
बेटे ने मां को धूप में छोड़ा
गुमनाम खत में लिखा था कि त्रिमूर्ति नगर के रहने वाले किराना व्यापारी मेवालाल गुप्ता ने अपनी मां रामरती गुप्ता को छत पर छोड़ दिया है। यहां कड़ी धूप से बचने के लिए महज तिरपाल लगी है।
पत्र में बताया गया कि महिला के खाने-पीने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं वह छत पर ही शौच आदि करती है। पत्र मिलने के बाद कलेक्टर ने फौरन तहसीलदार को मौके पर भेजा और जांच शुरू की।
संपत्ति अपने नाम कराने के बाद मां को छत पर छोड़ा
तहसीलदार जानकी उइके की जांच में सामने आया कि महिला ने करीब छह महीने पहले अपनी संपत्ति और घर इकलौते बेटे मेवालाल गुप्ता के नाम कर दिया था। इसके बाद से बेटे ने उसे छत पर छोड़ दिया और परेशान करना शुरू कर दिया। गर्मी के इस मौसम में बुजुर्ग महिला केवल तिरपाल के नीचे धूप और गर्मी से बचने की कोशिश कर रही थी।
बेटा बोला, मां को घर में रखने से परेशानी हो रही थी
महिला के बेटे मेवालाल गुप्ता ने तहसीलदार से कहा कि वह अपनी मां को घर में रखने के कारण परेशानियों का सामना कर रहा था, इसलिए उसे छत पर रखा। हालांकि, तहसीलदार ने मेवालाल को सख्त चेतावनी दी कि अगर फिर से ऐसी कोई शिकायत मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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