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#धमाका _धर्म: भगवान के स्वरूप को जानना है तो सबसे पहले हमें सत्य को अपने जीवन में लाना पड़ेगा: वासुदेव नंदिनी

मंगलवार, 15 अप्रैल 2025

/ by Vipin Shukla Mama
ठाकुर जी के तीन ही स्वरूप सत्य चित आनंद वासुदेव नंदिनी 
शिवपुरी। शहर के समीप ग्राम विनैगा में श्री पचभैया ठाकुर बाबा स्थान पर आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह कथा में पंडित श्री बासुदेव नंदिनी भार्गव जी ने कथा के मंगलाचरण के साथ वर्णन किया कि यदि हमें भगवान के स्वरूप को जानना है तो सबसे पहले हमें सत्य को अपने जीवन में लाना पड़ेगा। वर्तमान में व्यक्ति के पास सबकुछ होता हैं लेकिन वो आधुनिकता में वास्तविकता को छोड़ देता है। आधुनिकता थोड़े देर के लिए सुखमय लग सकती हैं किंतु जो आधुनिकता के समय वास्तविक सत्य में अवगत होता है उसी के जीवन में आनंद है। ठाकुर जी के तीन ही स्वरूप हैं "सत्य चित आनंद" ।
जीवन में सत्य होना चित की निर्मलता एवं सुख दुख से ऊपर आनंद में होना ही भगवान के स्वरूप को जानने के जैसा है।









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