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#धमाका_धर्म: जहाँ प्रेम है, वहाँ परमात्मा स्वयं पधारते हैं; जहाँ अहंकार है, वहाँ उनका कोई स्थान नहीं: कथा वाचक पूज्य दिनेश चंद्र भारद्वाज

बुधवार, 9 अप्रैल 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। शहर के फतेहपुर चौराहा स्थित कथा पंडाल में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के चतुर्थ दिवस की कथा आज श्रद्धा और भक्ति के अनूठे संगम के साथ सम्पन्न हुई। कथा वाचक पूज्य श्री दिनेश चंद्र भारद्वाज जी महाराज ने अपने ज्ञानमयी वाणी से आज श्रोताओं को भगवान श्रीकृष्ण की गहन लीलाओं का साक्षात अनुभव कराया। आज के मुख्य प्रसंग में जब भगवान श्रीकृष्ण को एक ओर हस्तिनापुर के महाराज दुर्योधन ने छप्पन भोग से सजे अपने राजभवन में आमंत्रित किया, वहीं दूसरी ओर विदुर जी, जो न तो राजा थे, न धनवान – केवल निष्कलंक प्रेम और निष्ठा से भरपूर भक्त थे – उन्होंने भगवान को सादे भोजन का निमंत्रण भेजा। भगवान ने दुर्योधन के वैभव को ठुकराकर विदुर जी के घर का निमंत्रण स्वीकार किया और वहाँ केले के छिलकों तक को प्रेम से ग्रहण कर लिया। यह प्रसंग न केवल श्रोताओं को भावविभोर कर गया, बल्कि यह अमर संदेश भी दे गया कि प्रभु के लिए भाव ही सबसे बड़ा भोग है।
इसी श्रृंखला में आज शिव विवाह प्रसंग का भी भव्य और दिव्य वर्णन हुआ, जिसमें कैलाशपति महादेव और पार्वती माता के पावन मिलन की कथा सुनते हुए सारा पंडाल भक्ति की गंगा में गोता लगाता रहा। महाराज श्री ने जब यह वर्णन किया कि किस प्रकार संपूर्ण ब्रह्मांड देवों, ऋषियों और गंधर्वों सहित इस विवाह महोत्सव में सम्मिलित हुआ, तब श्रोताओं को प्रतीत हुआ मानो वे स्वयं इस दिव्य विवाह में सम्मिलित हो रहे हों। कथा में आगे ब्राह्मण भागवत प्रसंग का अत्यंत मार्मिक और प्रेरणादायी वर्णन हुआ, जिसमें महाराज श्री ने बताया कि जब एक निर्धन ब्राह्मण ने केवल श्रद्धा, विश्वास और सेवा के माध्यम से भगवान को पाया, तब यह स्पष्ट हो गया कि परमात्मा केवल शास्त्रों से नहीं, बल्कि समर्पित हृदय से प्राप्त होते हैं।
पूज्य महाराज श्री ने कथा के अंत में घोषणा की कि कल का दिवस अति विशेष होगा, क्योंकि श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का दिव्य उत्सव तथा भगवान श्रीराम और माता सीता का पावन विवाह प्रसंग उल्लास और भक्ति के साथ सुनाया जाएगा। उन्होंने सभी श्रद्धालुजनों से अनुरोध किया कि कल की इस महाआध्यात्मिक संध्या में अधिक से अधिक संख्या में पधारकर कथा श्रवण करें एवं अपने जीवन को धन्य बनाएं।यह श्रीमद् भागवत कथा दिनांक 6 अप्रैल से 12 अप्रैल 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 1:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक, फतेहपुर चौराहा, शिवपुरी (म.प्र.) में आयोजित की जा रही है। इस दिव्य आयोजन के मुख्य यजमान श्री श्यामलाल शर्मा जी, श्री सुरेंद्र शर्मा एवं श्रीमती रानी शर्मा जी हैं।









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