शिवपुरी। शहर के ठाकुर बाबा मंदिर हाथीखाना पर आयोजित श्रीमद भागवत कथा के छठवें दिन पं. वासुदेव नंदिनी भार्गव ने भगवान की गोवर्धनोधारण की लीला का वर्णन किया। इंद्र ने जब वर्षा की तो गोप ग्वाल भगवान के शरणागत हो गए और भगवान ने गिरिराज जी को उठा लिया अर्थात जो भगवान के आश्रित हो जाता है तो फिर भगवान ही उसका सारा भार उठा लेते हैं। रासोत्सव एवं सांझ के समय सभी ने मिलकर रुक्मिणी मंगलोत्सव मनाया।

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