Shivpuri शिवपुरी। केंद्रीय मंत्री द ग्रेट ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना संसदीय इलाके में सौगातों की झड़ी लगा दी है। इसी क्रम में अब द ग्रेट सिंधिया ने एक और सौगात दे दी है। देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और प्रदेश के सीएम डॉ मोहन यादव की सरकार के साथ मिलकर ये सोपान जल्द पूरा होगा। इसी क्रम में शिवपुरी जिले में MP के पहले 2800 मेगावाट परमाणु संयंत्र को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है, भीमपुर नरवर में 700-700 मेगावाट की 4 यूनिट लगाई जाएंगी।

इसी के साथ MP में शिवपुरी जिले को ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि मिलने वाली है।बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी हाल ही में अपने दौरे पर शिवपुरी को एक बड़ा उद्योग देने की घोषणा की है। हालांकि उन्होंने उद्योग के बारे में नहीं बताया था और कहा था कि पुलाव पक रहा है, पकने दो। याद रहे कि शिवपुरी के लोग उद्योग लगाने की निरंतर मांग करते रहे हैं।
अब तक सिर्फ बातें ही हुईं
इस संयंत्र को लेकर इसके पहले भी बातें होती रहीं लेकिन धरातल पर अब काम होने के आसार नजर आए हैं। जब केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग ने शिवपुरी के भीमपुर गांव में 2800 मेगावाट क्षमता के परमाणु ऊर्जा संयंत्र को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। यह संयंत्र नरवर तहसील में मड़ीखेड़ा डैम के पास प्रस्तावित है।
आज मिला पत्र
28 मार्च 2025 को जारी आधिकारिक पत्र में यह जानकारी दी गई है, जिसकी प्रति आज प्राप्त हुई है। जिसे न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को भेजा गया है।
बिजली उत्पादन की चार यूनिट लगेंगी
परियोजना के तहत 700-700 मेगावाट क्षमता की चार यूनिट लगाए जाएंगे। यह संयंत्र मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा। इसके लिए NPCIL को प्री-प्रोजेक्ट गतिविधियां शुरू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
आवश्यकता की कसौटी पर खरा है भीमपुर, इसलिए हुआ चयन
बता दें कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए जिन प्राकृतिक संसाधनों की आवश्यकता होती है, वे इस क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। ठंडा और स्थिर मौसम, साथ ही पर्याप्त जल स्रोत। ये दोनों ही कारक भीमपुर को इस परियोजना के लिए उपयुक्त बनाते हैं। मड़ीखेड़ा डैम में सालभर भरपूर पानी रहता है, जो परमाणु संयंत्र को संचालित करने के लिए बेहद जरूरी है।
मड़ीखेड़ा डैम के पानी से चलेगा संयंत्र
शिवपुरी में बनने वाले इस संयंत्र के संचालन के लिए आवश्यक जल आपूर्ति मड़ीखेड़ा डैम से की जाएगी। इसके लिए 120 एमसीएम वाटर बैराज और 40 एमसीएम बैलेंसिंग रिजर्व वेल की योजना भी तैयार कर ली गई है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने इस दिशा में प्रारंभिक सर्वे और जमीन चिन्हांकन का कार्य पूरा कर लिया है।
प्रदेश में चार जिलों में प्रस्तावित हैं परमाणु परियोजनाएं
मध्यप्रदेश में अभी कोई सक्रिय परमाणु संयंत्र
नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार ने चार जिले शिवपुरी, मंडला, देवास और नीमच में परमाणु परियोजनाएं स्थापित करने की योजना बनाई है।
मंडला के चुटका गांव में 1400 मेगावाट क्षमता का संयंत्र प्रस्तावित है। वहीं, शिवपुरी में भूमि चयन और तकनीकी सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। जबकि अन्य जिलों में अभी सर्वे और परीक्षण का कार्य चल रहा है।
प्रदेश होगा ऊर्जा में आत्मनिर्भर
यह परमाणु ऊर्जा परियोजना न केवल मध्यप्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि राष्ट्रीय ऊर्जा नेटवर्क को भी मजबूती देगी। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि अगले 2 से 3 सालों में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इससे स्थानीय रोजगार, आधारभूत विकास और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में व्यापक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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